Bundeli Ka Swaroop Aur Visheshtayen बुन्देली का स्वरूप और विशेषताएं
बुन्देली का शुद्ध क्षेत्र या मध्यवर्ती क्षेत्र बुंदेली बोली विस्तृत भू-भाग की स्वामिनी है। उसका अपना विशाल प्रसार क्षेत्र है, Bundeli Ka Swaroop Aur Visheshtayen... Read more
The Cultural Archive Of Bundelkhand
How the folk literature and Hindi literature of Bundelkhand originated and developed and through which stages it reached here today.
बुन्देली का शुद्ध क्षेत्र या मध्यवर्ती क्षेत्र बुंदेली बोली विस्तृत भू-भाग की स्वामिनी है। उसका अपना विशाल प्रसार क्षेत्र है, Bundeli Ka Swaroop Aur Visheshtayen... Read more
बुन्देली एक विस्तृत भू-भाग की भाषा है। विस्तृत रूप होने के कारण इसमें क्षेत्रीय स्तरों पर सांस्कृतिक विचारों, परम्पराओं मान्यताओं, रीति-रिवाजों आदि का आदान-प्रदान होता... Read more
पूतगुलाखरी ने देखो कै एक लरका अपने गरे में एक मरी नागन डारें है, अर चिचया रओ है कै हाय मोरी नागन तें काँ गई... Read more
ऐसई ऐसे विजेगढ़ राज में सोमनाथ नाव के एक राजा हते । वे सबई बातों में अच्छे हते, अपनी रैयत खाँ बाल बच्चों जैसो मानत... Read more
एक समय की बात है कै इते के राजा के कुँवर अपने घोड़ा पै बैठकें शिकार खेलवे जा रये हते। वे अपनो घोड़ा दौड़ात जा... Read more
येई नगर में एक गरीब बामन राततों बो अपने परवार को पालन भीक मांगकें करततो। कछू दिनों तक ऐसई चलो फिर इनकें एक कन्या को... Read more
पटैल बब्बा के संगेवारों एक गाँव में सौदा सामान लैवे गव सो वो का देखत हे कै एक Chontara Pe Bandi Do Lugai चौतरा पे... Read more
पूतगुलाखरी पटैल बब्बा सें पूछवे गये के बब्बा एक महल में जनी मारी डरी ती और आदमी जोर-जोर से चिल्या रये हतें Ka Karfen Kaiso... Read more
एक बेर की बात है के कौनऊ गाँव चौगड्डा पे एक लुगाई की लास डरी हती। ओकी घींच धड़ के संगे ने हती। दिन डूबे... Read more
ऐसई – ऐसे एक राजा हते। उनके राज में एक बड़ो चतुर पंडत रेततो । वो पंडत जेको ह देखकें जो कछू बतावै सो बोई... Read more