Peshwai Ka Ant Aur Angrejo Ka Rajya बुन्देलखण्ड मे पेशवाई का अंत और अंग्रेजों का राज्य
जिस समय बुंदेलखंड में अंगरेजों ने अपना राज्य जमाया उस समय सारे भारत में गड़बड़ मची हुई थी। विक्रम-संवत् 1864 में लार्ड मिटो कंपनी की... Read more
The Cultural Archive Of Bundelkhand
history of Bundelkhand based on gorelal Tiwari Books Bundelkhand ka Sankshipt Itihas.
जिस समय बुंदेलखंड में अंगरेजों ने अपना राज्य जमाया उस समय सारे भारत में गड़बड़ मची हुई थी। विक्रम-संवत् 1864 में लार्ड मिटो कंपनी की... Read more
बिजावर ग्राम विजयसिंह नाम के एक गोंड सरदार ने बसाया था। यह गढ़ामंडला के राजा का नौकर था। उस समय इस इलाके पर गोंड़ों का... Read more
जैतपुर के राजा जगतराज ने अपने तीसरे कुमार कीरतसिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाया था, पर यह राजा जगतराज की मृत्यु के पूर्व ही मर गया।... Read more
पन्ना के राजा सरमेदसिंह के समय मे कालिंजर में रामकिसुन चौबे किलेदार थे। बाद मे ये यहाँ को स्वतंत्र राजा बन बैठे । इस समय... Read more
अठारहवीं शताब्दी के अन्त में कुँवर सोनेशाह पंवार ने छतरपुर की रियासत कायम कर ली । पूर्व में यह पन्ना के राजा किशोरसिंह के प्रपितामह... Read more
अलीबहादुर ने जब राजा बखतसिंह को हरा दिया और अजयगढ़ पर अधिकार कर लिया तब वे उसी के यहाँ नौकर हो गए। वि० सं० 1860... Read more
पन्ना में इस समय राजा किशोरसिंह का राज्य था। बाँदा के नवाब की हार के पश्चात् Panna – Angrejo Se Sandhi हो गई और राज्य... Read more
अंग्रेजी राजसत्ता स्थापित होने के समय राजा रनजीत सिंह मे अँगरेजों से संधि करना चाहा। इससे 6 शर्तों का एक इकरारनामा अंग्रेजों को लिख दिया... Read more
बसीन की संधि के पूर्व दतिया राज्य मराठों के अधीन था। यहां के राजा पारीछत मराठों के आश्रित थे किंतु वि० सं० 1844 ( 1... Read more
भारतीचंद के पश्चात् वि० सं० 1833 में इनके भाई विक्रमाजीत राजा हुए। इस समय ओड़छा (ओरछा ) का राज्य नाम मात्र को था। यदि अंग्रेज... Read more