Kachchi Eent Babul कच्ची ईंट बाबुल देरी ने धरियो
Kachchi Eent Babul Deri Ne Dhariyo कच्ची ईंट बाबुल देरी ने धरियो, बेटी ने दियो परदेश मोरे लाल । कोना ने तुमखों जनम दये हैं,... Read more
The Cultural Archive Of Bundelkhand
The identity of the culture of Bundelkhand is the folk songs here. There is a tradition of singing folk songs in every festival of Bundelkhand.
Kachchi Eent Babul Deri Ne Dhariyo कच्ची ईंट बाबुल देरी ने धरियो, बेटी ने दियो परदेश मोरे लाल । कोना ने तुमखों जनम दये हैं,... Read more
स्त्री-पुरुष की भांति बालकों में भी गीत गाने की प्रवृत्ति परिलक्षित होती है। दो-चार बालक इकदटूठे .होते हैं, कोई न कोई खेल खेलना शुरू कर... Read more
श्रम जीवन का अपरिहार्य अंग है। इसका प्रारंभ और अंत जीवन के साथ है। श्रम से थकान और थकान से कार्य में अरूचि पैदा होती... Read more
लोकविश्वास है कि मानव का जीवन क्षणभंगुर है, इसलिए उसे क्षणिक जीवन में सुखों का भोग कर लेना चाहिए। इस विश्वास को Bundeli Lokgeeton Men... Read more
बुन्देलखण्ड के लोकगीतों में संयोग श्रृंगार का पक्ष जितना समृद्ध और भावमय है, उतना Bundeli Lokgeeton Men Viyog Shringar का नहीं। इसका कारण लोक का... Read more
पुछी-करगवाँ और दतिया की Gangoli Alha Gayki अधिकतर व्यक्तिपरक है परम्परित गायकी लीक से हटकर संगीतात्मक अधिक हो गई है। असल में दतिया, ओरछा आदि... Read more
Sakhi Ki Gayki एक प्रकार का दोहा छन्द है बुंदेली के दिबारी लोकगीत केवल दोहे छंद में हैं, जबकि सखियाऊ फाग दोहे में लटकनिया लगाकर... Read more
बुंदेलखण्ड के सभी जिलों में प्रचलित Raiya रइया गायन शैली अधिक लोकप्रिय है। चक्की में अनाज पीसते समय और विवाह-संस्कार में गेहूँ बीनने या पापड़-बड़ी... Read more
चंदेरी राज्य के संत तुकनगिरि (मध्यदेशीय तुकनगीर) और फकीर शाह अली के बीच लावनी में शक्ति और शिव के पक्ष लेकर दर्शनपरक संवाद या दंगल... Read more
बुंदेलखण्ड में प्रचलित लोकरागिनी Bundelkhand Ki Sair Lok Gayki का उद्भव 18 वीं शती के उत्तरार्द्ध में हुआ था और वह 20 वीं शती के... Read more