Chandel Kalin Veshbhusha चंदेल कालीन वेशभूषा
Chandel Kalin Veshbhusha का आधार मूर्तियों से वस्त्रों का अनुमान लगाना कठिन नहीं है। महोबा में प्राप्त सिंहनाद अवलोकितेश्वर से प्रतीत होता है कि पुरुष... Read more
The Cultural Archive Of Bundelkhand
How did the folk culture of Bundelkhand emerge and develop, in which stages and in what form it has come today, what is its status.
Chandel Kalin Veshbhusha का आधार मूर्तियों से वस्त्रों का अनुमान लगाना कठिन नहीं है। महोबा में प्राप्त सिंहनाद अवलोकितेश्वर से प्रतीत होता है कि पुरुष... Read more
चंदेलकाल बुंदेलखण्ड की समृद्धि और सुख का प्रतीक रहा है, Chandel Kalin Khan-Pan में भी विविधता और सम्पन्नता दिखाई पड़ती है। जैन बौद्ध धर्म द्वारा... Read more
सिन्धु घाटी में मातृमूर्ति की पूजा के प्रमाण मिले हैं। बुंदेलखण्ड में अटवी की वन्य संस्कृति के कारण मूर्तिपूजा का प्रचलन देर से हुआ। जनपद-काल... Read more
चंदेल काल में लोकसंस्कार, अनुष्ठान, त्यौहार और लोकोत्सव में लोक चित्रों के आलेखन होते थे । लोक कथाओं और पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर कई... Read more
चंदेल-काल में यह जनपद समृद्धि और संस्कृति की ऊँचाई पर प्रतिष्ठित रहा, इसलिए Chandel Kalin Lokachar की युगानुरूप गतिशीलता, दृढ़ता और परिवर्तनशीलता दिखाई पड़ती है।... Read more
Chandel Kalin Lokranjan के साक्ष्य तत्कालीन मंदिरों, शिलालेखों और ग्रंथों में मिलते हैं। खजुराहो के मंदिरों में एक तरफ नृत्य, संगीत और उत्सव-आयोजन के दृश्य... Read more
चंदेल-काल में 8वीं-9वीं शती के मध्य बुंदेली लोकभाषा ने जन्म लिया था, पर चंदेलों की राजभाषा संस्कृत थी। इस कारण राजदरबार की तरफ से लोक... Read more
चंदेल काल बुंदेलखंड में लोग भुक्ति और मुक्ति के समन्वय में आस्था रखते थे, जिसके कारण वे लोकोत्सवों को प्रोत्साहन देने में अग्रणी रहे यही... Read more
चंदेल काल बुंदेलखंड में वसंतोत्सव राजकीय और सामाजिक दोनों रूपों में मनाया जाता था। कुमारपाल प्रबंध में Chandel Kalin Vasantotsav धूलिपर्वोत्सव से स्पष्ट है कि... Read more
Kachchi Eent Babul Deri Ne Dhariyo कच्ची ईंट बाबुल देरी ने धरियो, बेटी ने दियो परदेश मोरे लाल । कोना ने तुमखों जनम दये हैं,... Read more