श्रीमती कालिंदी रंजन का जन्म बाँदा जिला के नरैनी तहसील में हुआ। आपकी प्रारंभिक से लेकर स्नातक तक शिक्षा अतर्रा – बाँदा (उत्तर प्रदेश ) में हुई। बचपन से ही आपकी संगीत में रूचि रही है। अपने स्नातक तक की शिक्षा विज्ञान विषय को लेकर की इसके दौरान संगीत की शिक्षा भी चलती रही। 

संगीत में अधिक रुझान होने के कारण आपने परास्नातक  नहीं किया और संगीत को ही अपना लक्ष्य चुना। अपने संगीत के तीनो विषयों गायन वादन व नृत्य से संगीत प्रभाकर  किया है परन्तु गायन में अधिक रूचि होने के कारण  इसी में आगे निरंतर ज्ञानार्जन करती रही ।

आपने अनेक गुरुओं से गायन के गुर सीखे जिनमे श्री मोतीलाल वर्मा (प्रारंभिक गुरु) , महेश सिंह जी ,श्री रामाशंकर पाठक  (दन्ना पाठक )  रंजीत पाठक ( बेतिया घराना ) आदि रहे। आपने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी  द्वारा आयोजित कई संगीत प्रतियोगिताओं  में भाग लिया  जिसमे ध्रुपद गायन शैली में विशेष स्थान भी अर्जित किया। आप शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत दोनों में ही रूचि रखती हैं। 

आप ख्याल और ध्रुपद के अलावा ग़ज़ल, भजन, लोकसंगीत ,सूफी  एवं फिल्म संगीत बाखूबी गाती हैं। आपने संगीत  शिक्षक के रूप में कृषि औद्योगिक विद्यालय ,आऊ, अतर्रा (बाँदा)  में भी काम किया। आपकी निरंतर ही संगीत शिक्षण कार्य में रूचि रही। आपने मुंबई की कई  संगीत संस्थाओं में संगीत गायन शिक्षिका के रूप में काम किया। वर्तमान में आप निषाद म्यूज़िक एकाडमी के द्वारा संगीत की सेवा दे रही हैं।

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