kai Jab Tumauren Ne Bhayete कै जब तुमौरें नें भयेते
हमाये बब्बा हमौंरों सें बताउत रयेते कै जब तुमौरें नें भयेते kai Jab Tumauren Ne Bhayete भडया घरों के घुआदार किबरा टारकें घुस गयेते उखरी-... Read more
The Cultural Archive Of Bundelkhand
हमाये बब्बा हमौंरों सें बताउत रयेते कै जब तुमौरें नें भयेते kai Jab Tumauren Ne Bhayete भडया घरों के घुआदार किबरा टारकें घुस गयेते उखरी-... Read more
बम-बड़ी-बम बजत नगाड़े हते उत तौ खुसयाली हो रई ती। इते विष के भोजन थार सजा रानी मन ई मन रो रई ती॥ थारी विष... Read more
कुकड़ कू बाँग दई मुरगा जग गई मेहतर की रानी । निकरन लगे भजन के मुखरा मीठी-मीठी-सी बानी ॥ अपनी पीरा सबई भूल... Read more
Prabhudayal Shrivastava Ke Bal Geet देश के कई प्रदेशों की हिंदी पाठ्यपुस्तक में पढ़ाए जाते हैं । आप पेशे से इंजीनियर हैं पर चार दशकों... Read more
बुंदेलखण्ड में यह उक्ति किसी सहज कहावत की तरह ही लोकप्रिय है। कवि ने चाटुकार लोगों को शब्द प्रहार करते हुए उनका चरित्र चित्रण किया... Read more
चन्दन सा हो जायेगा ….. निज हृदय तनिक नभ सा विस्तृत तो होने दो , सारा जग अपना ऑगन सा हो जायेगा ॥ रत्नों से... Read more
घायल विश्राम नहीं देना मुख- स्नात बिहार मिले न मिले दुःख -व्याकुल शाम नहीं देना । पथ चाँदनी स्नान मिले न मिले घायल विश्राम नहीं... Read more
आभार प्रदर्शन आदरणीय दुखो ! चिन्ताओ ! चिर – सहचर आँसुओ , अभावो । तन मन , प्राण सजाकर तुमने , किया न पलक ओट... Read more
मलय मंगलाचरण तब भी तुम थे, अब भी तुम हो, तुम ही होगे, मेरे जीवन के, उपवन के मधुक्षण, मलय मंगलाचरण ॥ ओ अलभ्य तुम... Read more
ब्रज की रीत प्रीत गति न्यारी।। टेक।। कहि न सकत महिमा गुन सेसहु, शारद सकुचि समझि पचिहारी।। 1।। अगम निगम पढ़ि थके अगोचर, गावत ग्रन्थन... Read more