Parmanand Budhauliya  परमानन्द बुधौलिया-बुन्देली फाग साहित्यकार 

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Parmanand Budhauliya  परमानन्द बुधौलिया-बुन्देली फाग साहित्यकार 
Parmanand Budhauliya  परमानन्द बुधौलिया-बुन्देली फाग साहित्यकार 

Parmanand Budhauliya का जन्मसम्वत् 1956  में मऊरानीपुर में हुआ था । इनकी स्मरण शक्ति अद्वितीय है। ग्रामीण अशिक्षितों के जाग्रत करने हेतु श्री परमानन्द बुधौलिया ने अपनी फागें लिखी। उनका मन भक्ति या श्रंगार में नहीं रमा अपितु स्वतंत्रता आन्दोलन की चेतना उनकी फागों में व्यक्त हुई है। उन्होंने जमींदारी प्रथा और ग्राम-सुधार योजना विषयक फागें लिखकर जनता का हित किया उनकी एक फाग देखिये-

सो गई प्रथा जमींदारी की, दायक दुख भारी की ।

ग्राम सुधार योजना जागी, दीनन दुख हारी की ।

पलटी दुखद भाग की रेखा, ग्रामन नर नारी की ।

फूले फले किसान बाटिका, समता फुलवारी की ।

कांग्रेस ने राम राज्य सी, राजनीत जारी की।

परमानन्द प्रेम से बोलो, जय चरखा धारी की।

बुन्देलखण्ड की ढिमारयाई