Shyam Sundar Shukl श्याम सुंदर शुक्ल-बुन्देली फाग साहित्यकार

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Shyam Sundar Shukl पं. विष्णु दत्त शुक्ल  के यशस्वी परिवार में 17 दिसंबर 1940 को जन्मे । आपने  स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की तथा संगीत प्रभाकर की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। आप गीत गायन और हारमोनियम वादन में अनोखी प्रतिभा रखतें है। श्याम सुंदर शुक्ल  हिन्दी, संस्कृत और बुंदेली तीनों में काव्य रचनाएं लिखते है।  आप विभिन्न राष्ट्रस्तरीय साहित्यिक सांस्कृतिक और कला संस्थाओं से सम्बद्ध हैं। आपको अनेको संस्थाओं ने पुरस्कार व सम्मान भी प्रदान किये है। आप वर्षो तक नवोदित साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष रहें ।

श्याम

सुंदर शुक्ल को मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह और राष्ट्रपति महामहिम डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने क्रमश: 1992  व 1993  में इन्हें उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किये। इस समय आप शासकीय बहुउद्देशीय आदर्श उ. मा. विद्यालय दमोह में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। आपके द्वारा लिखी फागें बुंदेली लोक संस्कृति को जीवन्त करती है। निम्न लिखित फाग में वसत ऋतु का सजीव चित्र देखिए-

बगिया के मौरे आम ।

कोयलिया डार – डार बोलन लागी ।

बासंती चली बयार।

कोयलिया डार – डार बोलन लागी ।

राई की फाग 

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