मैकासुर Maikasur को बुंदेलखंड क्षेत्र में पशुरक्षक देवता के रूप मे मान्यता प्राप्त है। इसी रूप में उनकी पूजा भी की जाती है। यद्यपि इनके बारे में किसी प्रकार का एतिहासिक वर्णन प्राप्त नहीं होता है फ़िर भी जनमानस की आस्था के अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को इनकी पूजा की जाती है।
इस पूजा में विशेष रूप से मैकासुर से पशुओं की रक्षा करने की प्रार्थना की जाती है। इनके पूजा का स्थान एक चबूतरे पर ऊँचे से टीले पर कंगूरेदार होता है, जहाँ पूजा के समय प्रसाद तथा सफ़ेद रंग की ध्वजा(झंडा) चढाई जाती है। इनके प्रसाद को लेकर मान्यता है कि उसे वहीं समाप्त करना होता है, प्रसाद को घर ले जाने को भी नहीं मिलता है। मान्यता है कि मैकासुर के पूजन के बाद लोगों के जानवर, पशु सुरक्षित रहते हैं।