Bundeli Lok Geeton Ki Vidhayen बुन्देली लोक गीतों की विधाएं

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बुन्देलखण्ड लोकगीतों की अपनी एक अलग विशेषता है। बुन्देलखण्ड में Bundeli Lok Geeton Ki Vidhayen रितु, पर्व-त्योहारों, संस्कारों एवं खेल परख अनेक विधाएं है। लोक संगीत हमारी भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। हमारी परम्परा व संस्कृति को सुरक्षित रखने में लोक संगीत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लोकसंगीत के अंतर्गत लोकगीत, लोकनृत्य, लोकवाद्य, लोकनाट्य आदि सभी समाहित हैं । लोकगीत जो जनमानस में प्रचलित होते हैं ।

1 – आल्हा गायन

2 – गारी

3 – रावला

4 – ढ़िमरयाई

5 – कछयाई

6 – धोबियाई

7 – लेद

8 – राई

9 – लमटेरा/ बम्बुलिया (भोला गीत)

10 – दादरा

11 – मुदन्ना

12 – कातिक/कार्तिक गीत

13 – सोहर

14 – दिवारी

13 – बनरा

15 – बिलवारी

16 – फाग

17 – होरी

18 – चैती

19 – धूनी भजन

20 – कजरी

21 – मल्हार

22 – शैर

23 – तमूरा भजन

24- रसिया

25 – बधाई

26 – लावनी

27 – ख्याल

28 – गैलहाई

29 – राछरौ

30 – पाई

31 – मनौवा

32 – बुलौवा

33 – टाँकोरी

34 – रेखता

35 – मतवारी

36 – निहोरा

37 – मधुरला

38 – सहाना

39 – गौरी

40 – झूलना

41 – हँसौवा

42 – बारहमासी

43 – लांगुरिया

44 – अटका

45 – अकती

46 – लिमड़ी

47 – अछरी

48 – दिनरी

49 – दुलरी

50 – गोट

51 – पाँडवा

52 – जिकड़ी

बुन्देली लोक गीतों की विशेषताएं 

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