बुन्देलखण्ड मे Kalika Devi का बहुत अधिक महत्व है। यह पूजा वर्ष में एक बार अधिकांशतः आषाढ़ मास में शनिवार को की जाती है । इसमें सवा पाव या सवा सेर का प्रसाद बनता है। पूजा में नौ प्रकार की वस्तुओं को नौ जगह रखा जाता है। निम्न जातियों में कालिका की बहुत मान्यता है, पर अब उच्च वर्ग में भी इनकी पूजा का प्रचलन हो गया है। पूजन में बहुधा लाल रंग की वस्तुओं का प्रयोग होता है । कुछ समुदायों में बलि या प्रतीक बलि भी दी जाती है । पौराणिक के अनुसार यह काली का रूप है।