Homeबुन्देलखण्ड के साहित्यकारJagdish Kinjalk जगदीश किंजल्क

Jagdish Kinjalk जगदीश किंजल्क

श्री जगदीश किंजल्क का जन्म – 25 नवंबर 1948 (टीकमगढ़) म.प्र. स्व. अम्बिका प्रसाद दिव्य (साठ महत्वपूर्ण ग्रंथों के यशस्वी सर्जक, कवि, उपन्यासकार, नाटककार, चित्रकार, चिंतक एवं क्रांतिकारी) के घर हुआ । Jagdish Kinjalk की शिक्षा  एम.ए. (अंग्रेजी/हिन्दी), बी.एड. डिप्लोमा (पत्रकारिता)।

श्री जगदीश किंजल्क आकाशवाणी से लंबे समय तक जुड़े रहे। श्री किंजल्क लंबे समय तक छतरपुर तथा सागर आकाशवाणी केंद्रों पर कार्यक्रम अधिकारी के रूप में पदस्थ रहे हैं। वे कथाकार, चित्रकार अंबिका प्रसाद दिव्य के सुपुत्र थे। दिव्य ज्योति नामक पत्रिका के संपादक रहे। उनकी रचनात्मक सक्रियता प्रणम्य रही है। वे एक अच्छे इंसान थे। सरलता, सहजता उनका गुण था।

श्री जगदीश किजल्क ने आकाशवाणी छतरपुर, भोपाल, जबलपुर, सागर, शिवपुरी को सेवाएँ दी। वे राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित हुए थे। उन्होंने पत्र-पत्रिकाओं में परिचर्चा की विधा इजाद की। पत्रिका धर्मयुग से लंबे समय तक जुड़े रहे। देश के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रहे। श्री जगदीश किंजल्क ने मॉडल स्कूल भोपाल में शिक्षक के तौर पर भी सेवाएँ दी।

प्रकाशन
सुकूने-जिगर, हम तो परनिंदा करिवे, जिंदगी कुछ पृष्ठों की सहित नौ पुस्तकें।

उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
संपादक दिव्यालोक पत्रिका

संयोजक अखिल भारतीय अंबिकाप्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार

मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
‘जिंदगी कुछ पृष्ठों की” पर मध्य प्रदेश युवक कल्याण संचालनालय का द्वितीय पुरस्कार।

अखिल भारतीय लोककथा प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश  पंचायत एवं समाजसेवा संचालनालय का सन् 1976-77 में दो बार पुरस्कार।

प्रेमचंद जन्म शताब्दी समारोह समिति जबलपुर द्वारा उत्कृष्ट लेखन के लिए 1982 में सम्मान।  

केशव जयती समारोह समिति ओरछा द्वारा अभिनंदन सम्मान 1989।

प्रगतिशील लेखक संघ छतरपुर द्वारा वसंत पंचमी को अभिनंदन।

मध्य प्रदेश कला संगम पन्ना द्वारा अभिनंदन 1993।  

संस्कृति, साहित्य और कला विद्यापीठ मथुरा द्वारा साहित्यालंकार की उपाधि 1977।

अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन द्वारा साहित्यश्री अलंकरण 1992.

उल्लेखनीय कार्य
एक हजार से अधिक परिचर्चाएँ आयोजित कीं जो भारत की सर्वोच्च पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। उनके एक हजार से अधिक कहानियाँ, लेख, चिन्तनपूर्ण आलेख, समालोचनाएँ और साक्षात्कार आदि देश की विभिन्न लोकप्रिय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुये हैं।

विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र
व्यंग्य, लेख, परिचर्चा, कहानी

डॉ मोहन तिवारी “आनंद” का जीवन परिचय 

admin
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Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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