बुंदेली के विख्यात महाकवि ईश्वरी ने फाग विधा में चौकड़िया फाग की रचना कर बुंदेली साहित्य को एक नई दिशा दी तीसरी का जीवन दर्शन और अध्यात्म ही उनका परिचय है।