Shivram Sharma का जन्म महोबा में सम्वत् 1946 को हुआ था। इनके पिता पंडित परशुराम भी एक कुशल फागकार थे। शिवराम शर्मा छतरपुर नगर में हाईस्कूल के अध्यापक रहे। हिन्दी में उन्होंने साहित्य रत्न की उपाधि प्राप्त की।
शिवराम शर्मा Shivram Sharma ने पिता से ही शिवराम शर्मा ने कविता लिखना सीखा। इनकी रचनाओं में विरह गीतावली, उपदेश भजनावली, महाभारत गायन आदि प्रमुख हैं। कवि ने चौकड़िया एवं छन्ददार दोनों प्रकार की फागें लिखी । उनकी एक कलात्मक फाग का नमूना दृष्टव्य हैं-
प्यारी हैं पैजनियन वारी, वारी है सुकुमारी ।
सुकुमारी के पग में राजे, दे रई शोभा भारी ।
भारी नहीं पत्र सोने के, तापर पच्चीकारी।
पच्चीकारी नैरतनन की, उपमा नहीं निहारी ।
हारी है रमेश मोहन से, तासे उनखां प्यारी।