Tantilal Devpuriya का जन्म सम्वत् 1906 और मृत्यु सम्वत् 1979 में हुई थी । ये हमीरपुर नगर के समर्थ फागकार थे। उन्होंने फाग कवियों का एक मंडल बना लिया था जिसमें वृन्दावन ठाकुर, मोहन स्वर्णकार, काशी प्रसाद लघेरे तथा नंदलाला भाट प्रमुख थे।
श्री तांती लाल की भाषा मधुर और प्रसाद मयी है। इन्होंने श्रंगार, भक्ति और लोक व्यवहार से संबंधित फागों की रचना की है। श्री तांती लाल की निम्नलिखित फाग उल्लेखनीय है जिसमें उन्होंने अंग्रेज काल में हो रही प्रगति का वर्णन किया है-
देखें अंग्रेजन चतुराई कर से रेल चलाई ।
सननन सननन चली जाती है फिर नाईं छिड़त छिडाई ।
देशन देशन ठिकत जात हैं झंडी लाल दिखाई ।
ताती लाल रंग के लाने तासों आधार दिखाई।