मऊरानीपुर झांसी के कुलीन यादव वंश में Jwala Prasad Daua का जन्म सम्वत्1911 में हुआ तथा मृत्यु सम्वत् 1976 में हुई थी। इनकी शिक्षा साधारण थी पर उनकी रचनाएं अत्यन्त भावपूर्ण रही हैं।
श्री ज्वाला प्रसाद दौआ की फागें के परस्पर समाज में बहुप्रचारित हैं तथा फाग गायकों द्वारा सरसता से गाई जाती हैं। इनकी फागों में राधा कृष्ण अनुराग और विरह व्यथा को विशेष रूप से विस्तार मिला है। इस फाग में कवि की भावधारा को स्पष्टतः देखा जा सकता हैं –
मोहन वे रंग रस की बतियां, कर गये कैसी घतियां।
जमुना तीर रास की रचबों, कां गई बैरिन रतियां ।
ऊधो हाथ जोग लेवे की, अब लिख भेजी पतियां ।
दौआ आस करत दरशन की एअ जुड़ाव छातियां ।