अलवर शहर निवासी सुश्री लक्ष्मी देवी शर्मा को राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई । Bundeli Aur Rajsthani Lokgeet का संरक्षण एवं संवर्धन कर लक्ष्मी देवी शर्मा अग्रवाल समाज के प्रतिष्ठित मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण जी के आचार्य स्व.श्री श्रीधर शर्मा जी की पुत्री है । लक्ष्मी ने अपना शोध कार्य अग्रसेन महिला महाविद्यालय खेरली, अलवर की प्राचार्य प्रोफेसर हेमा देवरानी के निर्देशन में पूर्ण किया है। इनका शोध विषय बुन्देलखण्डी और राजस्थानी लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन रहा ।
प्रोफेसर हेमा देवरानी जी अब तक 23 शोध कार्य करवा चुकी है। लक्ष्मी शर्मा लोक कलाकार भी है। इन्होंने अनेक बार जयपुर दूरदर्शन एवं ई. टीवी राजस्थान पर अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं । इन्हें अब तक अनेक सम्मान भी प्राप्त हो चुके है जिनमे प्रमुख रूप से है अंतरराष्ट्रीय नारी शौर्य सम्मान, अंतरराष्ट्रीय पद्मा सम्मान, बाबा साहेब अम्बेडकर सम्मान, साहित्य सारथी रत्न सम्मान, शाश्वत सम्मान, आदर्श गुरु सम्मान ,काव्य प्रतिभा सम्मान, विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान। लक्ष्मी अपनी सभी उपलब्धि का श्रेय अपने गुरु एवं परिवार को देती है परिवार में विशेष रूप से अपनी माता जी श्रीमती सुशीला शर्मा एवं भाई पदमनाभ शर्मा, बंशीधर शर्मा,बड़ी बहन पद्मा को देती हैं।
मैं विशेष रूप से आभारी हूँ राजस्थान एवं बुन्देलखण्ड के लोक गायक एवं गायिकाओं के प्रति जिनमें राजस्थान से श्री राजेश मकरध्वज जी, श्रीमती स्वर्णलता व्यास जी एवं बुन्देलखण्ड से श्री जयप्रकाश पटैरिया जी (लोकसम्राट स्व. श्री देशराज पटैरिया जी के भतीजे), सुश्री उर्मिला पाण्डेय जी, श्री आशा श्रीवास्तव जी, श्री सुमित दुबे जी, श्री जी.एस. रंजन जी की जिनके सहयोग से यह कार्य पूर्ण हुआ ।
बहुत बहुत बधाई लक्ष्मी जी खूब तरक्की करो नाम कमाओ
जय हो