साहित्य कला और अध्यात्म के मर्मज्ञ कवि, ग्रंथकार एवं साहित्यकार Shri Brajesh Kumar Nayak, सद्गुरु श्री श्री रविशंकर जी की आध्यात्मिक संस्था इंटरनेशनल आर्ट आफ लिविंग से संबद्ध रह कर “जीवन जीने की कला” के मार्गदर्शक हैं।
राष्ट्रीय विचार-धारा से समुन्नत कृति/खंडकाव्य “जागा हिंदुस्तान चाहिए” के लिए “विद्याबाचस्पति” सारस्वतसम्मान से अलंकृत, आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण शोधपरक ग्रंथ “क्रौंच सु ऋषि-आलोक” के लिए “विद्यासागर” सारस्वत सम्मान से सुशोभित एवं आकाशवाणी छतरपुर से काव्य सुमन कार्यक्रम में प्रसारित नायक एवं नायिका विहीन श्रृंगार-रस से ओतप्रोत ख्यातिलब्ध रचना “प्रकृति” सहित राष्ट्र-प्रेम, पित्र-प्रेम, हास्य एवं राष्ट्रीय चेतना से शोभायमान मनमोहक कृति “पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” सहित उक्त तीनों कृतियों के जनक हैं।
दिव्य समाज निर्माण अभियान समिति उ प्र पंजीकृत के पूर्व संस्थापक प्रबंधक, पूर्व राज्य परियोजना कार्यालय नेहरू युवा केंद्र संगठन उ प्र से संबद्ध रहकर ए पी ओ और राज्य प्रशिक्षक सह प्रवर्तक पदों पर कार्य कर समाजिक अनुभवों को धारण करने वाले , विश्व प्रसिद्ध योगी सद्गुरु श्री श्री रविशंकर जी की आध्यात्मिक संस्था इंटरनेशनल आर्ट आफ लिविंग से संबद्ध रह कर “जीवन जीने की कला” पार्ट 1 कोर्स के टीचर के रूप में कार्यकर आध्यात्मिक अनुभवों को आत्मसात करने वाले कवि,ग्रंथकार एवं साहित्यकार पं बृजेश कुमार नायक का जन्म हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार 08 मई 1961 को उत्तर प्रदेश में स्थित ग्राम-कैथेरी ,जिला-जालौन मे श्री रामस्वरूप एवं श्रीमती राममूरती के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी से हिंदी साहित्य विषय के साथ एम.ए. की उपाधि अर्जित करने वाले, राजकीय पालीटेकनिक झाँसी से प्रथम श्रेणी मे त्रिवर्षीय पालीटेकनिक डिप्लोमा धारण करने वाले, हिंदी साहित्य सम्मेलन (हिंदी विश्वविद्यालय) इलाहाबाद से साहित्यरत्न एवं विशारद की उपाधि प्राप्त करने वाले एवं सनातन धर्म इंटर कालेज उरई से 10+2 पद्धति से इंटरमीडिएट का प्रमाणपत्र धारण करने वाले कवि/साहित्यकार पं. बृजेश कुमार नायक, विश्व प्रसिद्ध योगी एवं इंटरनेशनल आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक सद्गुरु श्री श्री रविशंकर जी के शिष्य है।
आपका पाणिग्रहण कोंच जिला-जालौन उ.प्र के निवासी पं सरजू प्रसाद दीक्षित लोकतंत्र रक्षक सैनानी एवं श्रीमती राममूर्ति की इकलौती संतान शिव कुमारी के साथ 1981 में हुआ था। इसीलिए आप जन्मभूमि कैथेरी,जिला-जालौन उ.प्र को छोड़कर कोंच जिला-जालौन उ.प्र के निवासी बने। वर्तमान में आप डी-75 सनफ्रान अशोक सिटी झाँसी में रहकर साहित्य-साधना कर रहे हैं।
प्रकाशित कृतियाँ-
“जागा हिंदुस्तान चाहिए”काव्य संग्रह
“क्रौंच सु ऋषि-आलोक” खंडकाव्य
“पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाए” काव्य संग्रह
साहित्यिक सम्मान एवं उपाधियाँ
सारस्वत सम्मान
विद्याबाचस्पति (बिक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ द्वारा)
विद्यासागर (बिक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ द्वारा)
मानद् उपाधि
राष्ट्रभाषा आचार्य
मानद् उपाधि से अंतर्राष्ट्रीय सम्मानोपाधि संस्थान द्वारा वर्ष 2010 में सम्मानित किया गया।
उपाधि
जालौन रत्न
जालौन रत्न उपाधि से शाहित्य कला सम्मान परिषद द्वारा वर्ष 2010 मे शोभायमान किया गया।
अन्य सम्मान
1 – साहित्य गौरव सम्मान
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के लिए जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा 2015 में सुशोभित किया गया।
2 – हिंदी सेवी सम्मान (जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा 2016 में अलंकृत)
3 – अमृत सम्मान (जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा 2016 में अलंकृत)
4 – प्रेमसागर (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
5 – साहित्य सौरभ (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
6 – श्रेष्ठ शब्दशिल्पी (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
7 – श्रेष्ठ रचनाकार (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
8 – प्रतिभाशाली रचनाकार (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
9 – राष्ट्रभाषा भूषण (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
10 – अटल शक्ति सम्मान (विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा विभूषित)
उक्त के अतिरिक्त कवि पं बृजेश कुमार नायक को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, साहित्यपीडिया पब्लिशिंग,पहचान उरई सहित केदारनाथ दूरवार स्कूल कोंच, ब्राह्मण महासभा कोंच,बुन्देलीमाटी कोंच, आशीर्वाद कोंच ने भी सम्मान पत्रों, प्रशंसा पत्रों आदि से सम्मानित किया ।
सम्पर्क सूत्र
वर्तमान निवास
डी-75 सनफ्रान अशोक सिटी झाँसी,उ प्र। पिनकोड-284128
“कानपुर ग्वालियर बाई पास पर”
एवं
सुभाष नगर,कोंच,जिला-जालौन उप्र 285205
“केदारनाथ दूरवार स्कूल के पास”
निज निवास
जी -122 सनफ्रान अशोक वैली झाँसी,उ प्र। पिनकोड-284128
(मुस्तरा रेलवे-स्टेशन के पास)
“यह विला निर्माण कार्य हेतु सनफ्रान डवलपर के अधीन है”
Thanks everyone
यह मेरा पुराना परिचय है। मेरा मकान/विला G 122, सनफ्रान अशोक वैली, मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास, का मैंने “सनफ्रान डवलपर” से पजेशन ले लिया है। वर्तमान में मैं कवि पं बृजेश कुमार नायक “कवि धाम” विला G 122, सनफ्रान अशोक वैली “मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास” झांसी में निवास कर रहा हूं।
पं बृजेश कुमार नायक
G 122, सनफ्रान अशोक वैली
“मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास”
झांसी, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष,
पिनकोड-284128
Mob 9956928367