Bhagwan Singh Kushvaha भगवान सिंह कुशवाहा ‘राही’

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Bhagwan Singh Kushvaha भगवान सिंह कुशवाहा ‘राही’

श्री भगवान सिंह कुशवाहा का उप नाम  राही है । आपका जन्म एक जनवरी 1959 में कैलाश नगर (क्योलारी) जिला जालौन उत्तर प्रदेश मे हुआ । Bhagwan Singh Kushvaha की माता का नाम श्रीमती कलावती कुशवाहा और पिता का नाम श्री ग्याप्रसाद कुशवाहा।  श्री भगवान सिंह कुशवाहा  पूर्व प्रधानाचार्य महाराजा अग्रसेन सरस्वती विद्यामन्दिर इण्टर कॉलेज, शिवपुरी मार्ग, झाँसी ।

लेखन विधाए – कविता, गीत, कहानी, आलेख, उपन्यास, संस्मरण आदि ।

काव्य प्रेरक – महाकवि जयशंकर प्रसाद का साहित्य ।

रूचियाँ- शास्त्रीय संगीत गायन बाँसुरी वादन प्रस्तुति ।

आध्यात्मिक, राष्ट्रीय सांस्कृतिक साहित्य स्वाध्याय एवं भ्रमण ।

उपलब्धियाँ-  बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक अकादमी, जालौन वागेश्वरी, सांस्कृतिक साहित्य केन्द्र, झाँसी

पूर्व अध्यक्ष – ‘विजयश्री’ साहित्य केन्द्र, झाँसी

पूर्व अध्यक्ष – अखिल भारतीय साहित्य परिषद, झाँसी

महा सचिव – ‘सिद्धार्थ’ सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था, कोंच (जालौन)

संस्थाओं द्वारा सम्मान
प्रेम पारथ परिषद उरई, श्री सरस्वती काव्य- कला संगम नगरा, झाँसी।  
नवांकुर साहित्य एवं कला परिषद, झाँसी ।
अखिल भारतीय काव्य-क्रान्ति परिषद, झाँसी।
नवचेतना साहित्य एवं कला संस्थान झाँसी।
लाइन्य क्लब, झाँसी ।
पुष्प वाटिका परिवार, झाँसी।  
महाकवि काली कला शोध केन्द्र, उरई।  
पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तर प्रदेश ।

प्रसारण- झाँसी, छतरपुर आकाशवाणी से अनेक कार्यक्रमों का प्रसारण ।

प्रकाशन – देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन, यथा-बालभारती, सहकार संचय, राष्ट्रधर्म, शिशुमन्दिर संदेश, हनुमत साधना, ‘चवर्णा’ पुष्पवाटिका, पुष्करणी।

काव्य संकलन – जालौन जनपद के साहित्यकार, काव्यामृत, काव्य- संदर्शिका (बुन्देलखण्ड के कवि साहित्यकार) झाँसी, भारत के श्रेष्ठ कवि -कवयित्रियाँ, (H.M.D. प्रकाशन दिल्ली)।
सम्पर्क सूत्र – Bhagwan Singh Kushvaha गुरूहरिकिशन डिग्री कॉलेज के पास बसन्त विहार कालौनी, सीपरी बाजार, झाँसी।

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