Homeबुन्देलखण्ड के लोक विश्वासAkashiya Pind Sambandhi Lok Vishwas आकाशीय पिण्ड संबंधी लोक विश्वास

Akashiya Pind Sambandhi Lok Vishwas आकाशीय पिण्ड संबंधी लोक विश्वास

आकाशीय पिंड संबंधी लोक विश्वास Akashiya Pind Sambandhi Lok Vishwas  भारतीय संस्कृति और परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। चंद्रमा, सूर्य, तारे, ग्रह, और उल्कापिंड जैसे आकाशीय पिंडों से जुड़े कई लोक विश्वास हैं, जिनका संबंध धर्म, ज्योतिष और दैनिक जीवन से होता है। इन विश्वासों का समाज में गहरा प्रभाव है, और वे लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को निर्देशित करते हैं।

1- सूर्य
सूर्य को भारतीय समाज में देवता के रूप में पूजा जाता है। यह विश्वास है कि सूर्य को जल अर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि सूर्य ग्रहण के समय धार्मिक और सामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए।

2- चंद्रमा
चंद्रमा को शीतलता, मानसिक शांति और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है। सोमवार का दिन चंद्रमा को समर्पित होता है और इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। पूर्णिमा (पूर्ण चंद्रमा) और अमावस्या (नया चंद्रमा) का भारतीय लोक विश्वासों में विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन को शुभ माना जाता है, और इस दिन उपवास और धार्मिक अनुष्ठान करना विशेष फलदायी माना जाता है।

यह भी विश्वास है कि चंद्रग्रहण के समय भोजन या पानी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

3- तारे
भारतीय समाज में तारा टूटने को लेकर कई मान्यताएँ हैं। यह विश्वास है कि अगर कोई तारा टूटता हुआ दिखे और आप उसकी ओर देखकर कुछ मांगें, तो वह इच्छा पूरी होती है। सप्तर्षि तारा मण्डल को पवित्र माना जाता है, और इसे धार्मिक ग्रंथों में सप्त ऋषियों का प्रतीक माना गया है।

4- ग्रह (नवग्रह)
भारतीय ज्योतिष में नवग्रहों का विशेष महत्व है। ये ग्रह व्यक्ति के जीवन, भाग्य और भविष्य को प्रभावित करते हैं। इनमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु आते हैं। यह विश्वास है कि ग्रहों की स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-समृद्धि या कष्ट आते हैं। इसके लिए लोग ग्रह शांति के उपाय करते हैं, जैसे रत्न धारण करना, मंत्र जाप करना, और दान देना।

5- शनि ग्रह
शनि देव को न्याय का प्रतीक माना जाता है, लेकिन उनके प्रकोप से डर भी होता है। यह विश्वास है कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के समय व्यक्ति को विशेष कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन विशेष पूजा की जाती है, और काले तिल, तेल, या काले कपड़े दान करने का रिवाज है।

6- राहु और केतु
राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अचानक परिवर्तन लाता है। राहु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अनिश्चितता और विपरीत परिस्थितियाँ लाता है। केतु को आध्यात्मिकता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इसका अशुभ प्रभाव मानसिक तनाव और भ्रम उत्पन्न करता है।

7- उल्का (टूटता हुआ तारा)
टूटते हुए तारे या उल्का पिंड को लेकर यह लोक विश्वास है कि यह किसी बड़ी घटना का संकेत होता है। इसे कभी-कभी अशुभ माना जाता है, खासकर अगर यह रात के समय दिखे। उल्का को देखकर इच्छा मांगने की प्रथा भी है, और यह माना जाता है कि इस समय की गई प्रार्थना पूरी होती है।

8- चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण
भारतीय लोक विश्वासों में चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण को अशुभ घटनाएँ माना जाता है। यह माना जाता है कि ग्रहण के समय किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, जैसे विवाह, पूजा या नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, क्योंकि यह विश्वास है कि ग्रहण के समय बाहर निकलने से गर्भ में शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

ग्रहण के समय भोजन या पानी ग्रहण न करने का प्रचलन है, क्योंकि इसका शरीर पर हानिकारक प्रभाव माना जाता है। ग्रहण के बाद स्नान करना और घर की सफाई करना शुभ माना जाता है।

9- ध्रुव तारा
ध्रुव तारा को स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। यह तारा सदैव उत्तर दिशा में स्थित होता है, और यह विश्वास है कि ध्रुव तारे का दर्शन जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने का संकेत देता है। धार्मिक कथाओं में ध्रुव तारे का उल्लेख ध्रुव बालक की कथा से जुड़ा हुआ है, जिसने अपनी तपस्या से अमरत्व प्राप्त किया।

10- मंगल ग्रह
मंगल ग्रह को उग्रता, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास है कि मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में झगड़े, दुर्घटनाएँ और विवाद लाता है। जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें विवाह या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे दूर करने के लिए विशेष अनुष्ठानों और उपायों का पालन किया जाता है, जैसे मंगल यज्ञ करना या रत्न धारण करना।

11- विरल खगोलीय घटनाएँ
कुछ विरल खगोलीय घटनाओं, जैसे आकाश में दो चाँद या लाल चंद्रमा, को समाज में किसी बड़े परिवर्तन या विपत्ति का संकेत माना जाता है। यह विश्वास है कि यदि कोई असामान्य आकाशीय घटना होती है, तो यह राजा या देश के प्रमुख के लिए किसी अशुभ घटना का संकेत हो सकता है।

आकाशीय पिंडों से जुड़े लोक विश्वास न केवल भारतीय समाज में बल्कि विश्वभर की संस्कृतियों में देखे जाते हैं। ये विश्वास हमारे पूर्वजों द्वारा समय-समय पर देखी गई खगोलीय घटनाओं और उनके प्रभावों से उत्पन्न हुए हैं, और इनका समाज में धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

संदर्भ-
बुंदेली लोक साहित्य परंपरा और इतिहास – डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त
बुंदेली लोक संस्कृति और साहित्य – डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त
बुन्देलखंड की संस्कृति और साहित्य – श्री राम चरण हयारण “मित्र”
बुन्देलखंड दर्शन – मोतीलाल त्रिपाठी “अशांत”
बुंदेली लोक काव्य – डॉ. बलभद्र तिवारी
बुंदेली काव्य परंपरा – डॉ. बलभद्र तिवारी
बुन्देली का भाषाशास्त्रीय अध्ययन -रामेश्वर प्रसाद अग्रवाल

टेसू -बुन्देली लोक पर्व 

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