षष्ठी देवी Shashti Devi लोक में यह पूजा छठी नाम से जानी जाती है । शिशु जन्म के छठवें दिन यह पूजा महिलाएँ ही करती हैं। इसमें दीवाल पर गेरू से एक पुतरिया बनाकर पंचोपचार पूजा कर गुड़ आदि का भोग लगाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह बाल रक्षक मातृका एवं सिद्ध योगिनी है, जो सदा बालकों की रक्षा करती हैं। तंत्र शास्त्रानुसार मृत वन्ध्या आदि दोषों की शान्ति एवं बालकों के विविध कष्टों की निवृत्ति के लिए इनकी उपासना फलप्रद है ।