विवाह-संस्कार में भी वरों के बाद कन्या पक्ष की स्त्रियाँ बरात में डेरे में जाती हैं और वहाँ वर पक्ष के संबंधी वधू का टीका करते हैं। इस अवसर पर कन्या पक्ष की स्त्रियाँ ढपला के स्वरों पर Rachh Badhaya Nritya राछ बधाया नृत्य करती हैं। सजी-धजी स्त्रियाँ घूँघट घाले हस्तमुद्राओं के समानान्तर पदों की गतों का संचालन करने में झिझकती नहीं हैं। वादकों की होड़ में तो यह नृत्य विशिष्ट हो जाता है।