Lata Pakshi Ki Fagen लता पक्षी की फागें

257
Lata Pakshi Ki Fagen लता पक्षी की फागें
Lata Pakshi Ki Fagen लता पक्षी की फागें

बुंदेलखण्ड के फाग कवियों द्वारा लिखी गई लता पक्षी की फागें Lata Pakshi Ki Fagen सूरदास के लतापक्षी पदों के अनुकरण पर आधारित हैं। उक्ति चमत्कार की दृष्टि से इन फागों का बहुत महत्व है। अनेक फागकारों ने लता पक्षी की फागें लिखी हैं-

चल तोय खग पत पति बुलावें, सिंधु सुता से कावै।

रवि तनया तर गमन झपटकर, सुरपति पति अकुलावै ।

गिरपति तनया ता पति को अरि, तुम बिन उनै सतावै ।

गिरधी पति भूषण ता भूषण, वाहन वेग मिलावै ।

नृप शान्तनु तिरिया गंगाधर लतापक्ष दरसावैं ।। 

बुन्देलखण्ड में  पर्यटन उद्योग का विकास