बरात लौटने और बहू के घर आने पर बहू और वर को कइयाँ लेकर नृत्य किया जाता है, उसे बहू उतराई नृत्य कहते हें। वर-वधू के प्रथमागम पर उनकी आरती उतारी जाती है। सास बहू लक्ष्मी के पैर छूती है। इसके बाद उल्लास के उत्साह में सास, जिठानी, देवरानी, बुआ, माईं आदि सभी नृत्य करतीं हैं और ढोलक या बैण्डवाजे बजने पर नृत्य तीव्र होता रहता है।