जीवन मे जुनून नही तो व्यर्थ है जीवन, और जुनून है तो जंग मे जीत होती ही है। ये जंग शत्रु से नही , कुछ कर गुजरने की और कुछ नया कर गुजरने की। यहीं से शुरू होती है Shri Surendra Agnihotri की रचनात्मक यात्रा। हमारे कार्य का मूल्यांकन समाज करे या न करे समय जरूर करता है। दृढ़ आस्थावान इसी अभिधारणा को लेकर सामाजिक व सांस्कृतिक दायित्वों की पूर्ति में हमेशा अग्रसर रहते हैं।
श्री सुरेन्द्र अग्निहोत्री
जन्म स्थान ललितपुर (उ0प्र0)
जन्म तिथि 1 जुलाई 1966
कृतियाँ
उ0प्र0 सिनेमा से सरोकार , अर्थ नही खोते शब्द (काव्य संकलन)
लेखन- धर्मयुग,नवनीत,माधुरी,शुक्रवार,चौथी दुनियां, माया, मनोरमा, अहा!जिन्दगी, भाषा, गगनांचल, मधुमति, साक्षात्कार, संडेमेल, नवभारत टाइम्स, जागरण, लोकमत समाचार, पंजाब केसरी, भास्कर, नईदुनियां सहित देश के सभी प्रमुख पत्र- पत्रिकाओं में पांच हजार से अधिक आलेख प्रकाशित।
पुरस्कार –
हंसवाहिनी पत्रकारिता पुरस्कार इलाहाबाद में
रामेश्वरम हिन्दी पत्रकारिता पुरस्कार 2007
राज्यकर्मचारी साहित्य सस्थान उ0प्र0 का साहित्य गौरव सम्मान 2014-15
राजर्षि पुरूषेातम दास टन्डन हिन्दी पत्रकारिता पुरस्कार 2015
बुन्देलखन्ड समाज विज्ञान एवं शोध सस्थान का सृजन संवाद सम्मान 2018
साहित्य-मंडल,राजस्थान का संपादक शिरोमणि सम्मान 2019
राजधानी लखनऊ में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल स्वर्गीय श्री लालजी टंडन के हाथों लोकहित प्रकाशन लखनऊ की ओर से इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया।
21 नवंबर 2020 को अनुरागिनी संस्था उत्तर प्रदेश द्वारा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के हाथों बुंदेली लोक कला एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए बुंदेलखंड रत्न का सम्मान
शीघ्र प्रकाशय – मेरा गधा गधों का लीडर (व्यंग्य संकलन)
सम्प्रति – लखनऊ में एक दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख के साथ साहित्य मासिक नूतन कहानियां का संपादन
सम्पर्क – ए-305, ओ.सी.आर.
बिधान सभा मार्ग;लखनऊ-226001
मो0- 9415508695,8787093085