Khuman Prasad Parashar खुमान प्रसाद पाराशर-बुन्देली फाग साहित्यकार

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पंडित खुमान प्रसाद पाराशर Khuman Prasad Parashar का जन्म सम्वत् 1959 में हुआ था । इन्होंने लोक-जीवन और लोक पीड़ा को अपनी फागों में स्थान दिया है। गरीबी का तो चित्रण करने में वे सिद्धहस्त हैं। गांधी और शौकत अली के स्वतंत्रता आन्दोलन की झलक भी खुमान प्रसाद की फागों में दिखाई देती है। सुराज विषयक यह फाग उल्लेखनीय हैं-

भैया अब सुराज लाने, तन मन से लग जानें।

करो फैसला घर अपने में, ना जैयो कोउ थाने ।

बिस्कुट और बरन्डी छोड़ों, समा लठारा खाने ।

द्विज अब पराधीनता, से नातो ना राने।

रावला-बुन्देलखण्ड का लोक नृत्य 

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