Badri Prasad Khare Nirankar बद्री प्रसाद खरे “निरंकार”

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बुंदेली कि ऐसे महान लोक कलाकार, लोक गायक Badri Prasad Khare Nirankar  जिनका गायन सुनते हुए एक पीढ़ी ने बचपन से जवानी की दहलीज पर कदम रखा। उनके गीतों की मिठास,  उनके गीतों का आदर्श,  उनके  गीतों की चेतावनी और सामाजिक समरसता एवं लोक रंजकता का एक युग कहा जा सकता है ।

बुंदेली माटी के लाल बुंदेली  लोक कलाकार

ईश्वर की ऐसी महान कृपा का प्रमाण ये है कि Badri Prasad Khare Nirankar बाल्यकाल से ही संगीत के क्षेत्र मे अत्यधिक रुचि होने के कारण प्राथमिक स्तर की कक्षाओं मे अध्ययन रत रहते हुये सामाजिक और सार्वजनिक धार्मिक सत्कर्मों मे आयोजित होने वाले मंचीय कार्यक्रमों में गीत,भजन,कीर्तन, रामायण पाठ, श्री राम लीला का मंचन और प्रदर्शन, के साथ ही क्षेत्रीय रुचिकर “लोकगीतों”के गायन के उत्तरोत्तर हजारों बार अवसर मिले और मंचीय प्रदर्शन के शुभ अवसर आज भी बढ़ती उम्र के साथ  निरंतर मिलते जा रहे हैं ।

श्री बद्री प्रसाद खरे “निरंकार” की ओर से
बुँदेलखंड की इस पावन धरती पर निवास करने वाले उन तमाम वरिष्ठ अनुभवी गीत सृजनकारों,इतिहासकारों, कलाकारों,जानकारों,साहित्यकारों और रुचिकर गायकों ने मुझे सुनाकर,बजाकर, समझाकर,और गाकर जो मार्गदर्शन दिया है और जो अभी देते जा रहे हैं ,हम उन सभी विद्वान मनीषियों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुये उन्हे हृदय से नमन कर अभिनंदन करते हैं ।

बद्री प्रसाद खरे “निरंकार”
( ग्रेड –A कलाकार)
पिता का नाम –   श्री के.एल.खरे
माता का नम –   बैजयंती खरे
जन्म स्थान –     ग्राम बम्होरी,(बक्स्वाहा)
                   तहसील बक्स्वाहा,जिला
                   छतरपुर (म.प्र.)471001
जन्म तिथि –     10-जनवरी 1956
गायन का शौक- बाल्य काल से ही था  उसके साथ गायन के अलावा हारमोनियम,ढ़ोलक,नगड़िया मंजीरा, डंडताल,तमूरा, झाँझ में निपुणता ।
संगीत शिक्षा –      सामान्य
संगीत गुरु प्रथम –  जन्मदाता माँ
संगीत गुरु द्वितीय- श्री एम.एम.पाँडे जी एमम्यूज,स्थान विजावर जिला- छतरपुर (म.प्र.)
काव्य गुरु-   रियासती कवि पं.बिहारी लाल भट्ट के प्रिय पुत्र संत कवि ‘रसरंग’ जी, नि. बिजावर जिला- छतरपुर ।
अध्यात्मिक गुरु- श्री स्वामी राम जी दास बृम्हचारी,चित्रकूट धाम ।
निवास का पता-  बद्री प्रसाद खरे निरंकार
                 चित्रांश भवन,सट्ई रोड,
                 छतरपुर,जिला छतरपुर म.प्र.
अतिरिक्त विशेषता: –
साहित्यकार – (कवि) – काव्य सर्जना के गुण को ध्यान मे रखकर हमारे काव्य गुरु श्री गुरु संत रसरंग जी द्वारा मेरे नाम के सामने मेरी 16 वर्ष की आयु मे ही काव्य छंद में प्रयुक्त किये जाने हेतु आशीष बतौर उप नाम “निरंकार” घोषित कर संबोधित किया गया तभी से मैं अपने काव्य कृतियों में “निरंकार”.अपनी छाप लगाने लगा ।

कविता,गीत,लोकगीत आदि का पत्रिका/पुस्तकों में प्रकाशन:-
मेरे द्वारा रचित विभिन्न विषयों पर गीत,भजन,कविता और लोकगीतों का प्रकाशन मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं और पुस्तकों मे समय समय पर होता रहा है
कैसेट/सी.डी.द्वारा मनोरंजन;-
जन समुदाय के मनोरंजन हेतु क्ई कैसेट और सीडी आदि लोकगीत और भजनों के सार्वजनिक तौर पर प्रचारित हो चुके हैं ।
सामाजिक जिम्मेवारियाँ:-
संचालक- माँ पीतांबरा सास्कृतिक एवं सत्संग समिति, पीतांबरा पीठ छतरपुर (म.प्र.)

निर्देशक- श्रुति लय कला संस्थान छतरपुर (म.प्र.)
संचालक- बुंदेलखंड लोक कला दल छतरपुर (म.प्र.)
जिला संगठन सचिव- अखिल भारतीय कायस्थ महासभा छतरपुर
सक्रिय सदस्य- अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा देहली (दिल्ली)
सामान्य विवरण ….
बुंदेलखंडी लोक संगीत के बढ़ते चरण में अपने और आकाशवाणी/दूरदर्शन के कुछ प्रमुख मंचीय प्रदर्शनो की जानकारी का कुछ विवरण निम्नानुसार प्रस्तुत है:-
1-आकाशवाणी छतरपुर (म.प्र.) द्वारा आकाशवाणी के ओपनिंग के समय से ही वर्ष 1976-77 में ‘B’ ग्रेड दिया गया।
2-आकाशवाणी छतरपुर द्वारा ग्रेडेशन के स्वर परीक्षण में 28-2-1984 से ‘B-hy’ ग्रेड प्रदान किया गया ।
3-आकाशवाणी, महानिदेशालय दिल्ली के निर्देश पर ग्रेडेशन के स्वर परीक्षण में सेंट्रल आडीशन बोर्ड (CAB) के निर्णयानुसार 29-3-2019 से  ‘A’ ग्रेड प्रदान किया गया ।
4-आकाशवाणी छतरपुर म.प्र. के साथ साथ अपने महान देश की अनेक आकाशवाणी,तथा दूरदर्शन केन्द्रों से बुंदेली लोक गायन के अतिरिक्त अवसर मिले हैं ।
राष्ट्रीय प्रसारण सेवा टोडापुर दिल्ली, (साफ्ट वेयर ) में स्टूडियो रिका्र्डिंग ह्ई । AIR झाँसी द्वारा झाँसी महोत्सव मे लोक गीत प्रस्तुति के ,तथा AIR छतरपुर द्वारा बिना किसी अवरोध के विभिन्न विषयों पर तैयार किये गये,विशेष रूपक साफ्ट वेयर,नौटंकी नाटकआदि श्रंखलाओं मे सहभागिता के अवसर प्राप्त होते रहे हैं।
अन्य प्रमुख मंचीय कार्यक्रम
जिला स्तरीय बसंतोत्सव 1991-92
बसंत मंचमी के अवसर पर म.प्र.शासन शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सास्कृतिक काअन्य प्रमुख मंचीय कार्यक्रम।

जिला स्तरीय बसंतोत्सव 1991-92
बसंत मंचमी के अवसर पर म.प्र.शासन शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सास्कृतिक कार्यक्रम में सुगम और लोक संगीत की सराहनीय प्रस्तुती का अवसर मिला ।
अमर शहीद राजेन्द्र शुक्ल स्मृति,महरौनी (ललितपुर) उ.प्र।
शहीद महोत्सव2000
नगर पंचायत एवं स्मृति सद्भावना समिति ,महरौनी जिला ललितपुर (उ.प्र.) द्वारा आयोजित शहीद महोत्सव 2000 में संगीत गायन प्रस्तुति पर समिति द्वारा मुझे”स्वर सम्राट”के मान से सम्मानित कर सम्मान पत्र प्रदान किया गया।

श्री बिहारी जयंती समारोह  2002
श्री बिहारी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच, बिजावर,जिला छतरपुर (म.प्र.) द्वाराआयोजित लोकसंगीत, गीत, गजल, भजन, छंद आदि की प्रस्तुति हेतु दिनांक 29 दिसंबर 2002 को उपस्थित होकर जन समुदाय के लिये मंचीय प्रस्तुति दी ।

नगर पालिका परिषद छतरपुर मध्य प्रदेश -मेला जल बिहार
नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा प्रति वर्ष आयोजित होने वाले मेला जलविहार (15दिवसीय) मे निरंतर लोकगायन और भजन संध्या के कार्यक्रमों मे मंचीय प्रस्तुति हेतु अवसर प्राप्त हुये हैं।

बुँदेली उत्सव बसारी
बुँदेली उत्सव बसारी,जिला छतरपुर (म.प्र.) में
विगत क्ई वर्षों से आयोजित हो रहा है जो लगभग पूरे देश में ख्याति प्राप्त है इस उत्सव मे गायन की विधाओं में प्रतियोगी के रूप मे सम्मलित होकर प्रथम स्थान प्राप्त किया ।

बुंदेली विकास संस्थान बसारी जिला छतरपुर (म.प्र.) द्वारा मुझे बुंदेली लोकगीत गायन के क्षेत्र में अनेक वर्षों तक प्रतियोगिताओं मे निर्णायक के रूप मे समाजसेवा का शुभ अवसर भी मिला। इसी क्रम में मंचीय नाटक “होने है “में संगीत निर्देशन भी किया है।

राष्ट्रीय रामायण मेला चित्रकूट
ऐसे भी अवसर प्राप्त हुये हैं जिसमें आम जन श्रोताओं के समक्ष उनके मनोरंजन हेतु अध्यात्मिक और धर्मग्रंथों से ओत प्रोत धार्मिक मंचों पर संगीत प्रस्तुति के हेतु आमंत्रित किया गया है जिसमें राष्ट्रीय रामायण मेला स्थान चित्रकूट (उ.प्र.) दिनांक 16-3 2002 से 17-3-2002 तक  मोहक गायन कार्यक्रम में प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला है।

संस्कृति संस्कार मंच-बक्स्वाहा जिला छतरपुर :-
मंच द्वारा प्रतिवर्ष होने वाले सार्वजनिक कदम्ब मेला में विगत क्ई वर्षों से विभिन्न रूपों मे सहभागिता (गायन एवं निर्णायक ) की रही है।

गढ़ाकोटा रहस लोकोत्सव
मध्य प्रदेश शासन द्वाराआयोजित स्थान गढ़ाकोटा,जिला सागर म.प्र. में सदियों पुराने रहस मेला मार्च 2013 में प्रबुद्ध और जन समुदाय के समक्ष लोक संगीत की प्रस्तुति का अवसर मिला।

आयुर्वेद झाँसी महोत्सव
उत्तर प्रदेश शासन के अधीन आयुर्वेद झाँसी महोत्सव 2009-10मे  मुक्ताकाशी मंच पर फरवरी 2010 में बुंदेली लोक संगीत की प्रस्तुति का अवसर मिला।

झाँसी जन महोत्सव (परम्परा) 2015-16
बुंदेली पारम्परिक लोकगीत गायन हेतु (बुंदेली लोक संस्कृति संरक्षण और संवर्धन) मुक्ताकाशी मंच पर 31 दिसंबर 2015 को उपस्थित जन समुदाय और गणमान्य नागरिको के समक्ष मंचीय प्रस्तुति देकर मनोरंजन किया।

निर्वाचक नामावली 2013 (फोटोयुक्त) में सहयोग
जिला छतरपुर म.प्र.मे शासकीय स्तर पर फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली को अद्यतन करने में लोकरुचि अनुसार गीतों के माध्यम से मतदाताओं को प्रेरित करने में म्ई 2013 में गीतों का सृजन और गायन कर प्रचार प्रसार किया।

कृषि विज्ञान मेला जिला स्तरीय और विकास खंड स्तरीय ;- 
मध्य प्रदेश शासन द्वारा विगत वर्षों विकास खंड एवं जिला स्तर के भिन्न भिन्न स्थानो पर आयोजित कृषि विज्ञान मेला में किसानों के हितार्थ मंचीय  प्रस्तुति हेतु अनेक अवसर प्राप्त हुये हैं ।

मध्य प्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर :- 2011
म.प्र.शासन द्वारा कृषि विकास विभाग सागर के अधीन विस्तार सुधार  कार्यक्रम “आत्मा”अंतर्गत कृषि विज्ञान मेला 2011 में मंचीय गीत लेखन और  गायन (पार्टी सहित) कर सहयोग किया।

शासकीय समूह गान(नन्हें कदम) प्रतियोगिता सागर म.प्र.:-2011
बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत  नवम्बर 2011में जिला स्तरीय स्कूली प्रतियोगिता में बच्चों का प्रथम स्थान  आने के फलस्वरूप संभाग स्तर पर संभाग सागर में आयोजित गीतों में हारमोनियम पर संगत कर सहयोग किया।
श्री राम लीला मंचन
श्री अन्नपूर्णा राम लीला समिति गल्लामंडी छतरपुर म.प्र. में विगत क्ई वर्षों से रामायण वाचन (व्यास पीठ) अर्थात रामायणी का दायित्व निभाया साथ ही राम लीला में “संचालक” का भी दायित्व पूर्ण किया है ।
भारत माता सेवा समिति एवं श्री लाल कड़क्का राम लीला समिति छतरपुर (म.प्र.)
इस समिति द्वारा समाज सेवा/राष्ट्र सेवा/धर्म जागरण अभियान के अंतर्गत विजयादशमी(दशहरा) मे होने वाले गरिमामय कार्यक्रम में मेरे द्वारा मंच प्रस्तुति पर सम्मानित किया गया है।
शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर (म.प्र.) द्वारा सम्मानित
शासकीय महाराजा स्वशासी स्नात. महावि. छतरपुर द्वारा वर्ष 2010. में आयोजित सेमिनार में बुंदेली पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति पर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।

बुन्देली झलक (बुन्देलखण्ड की लोक कला, संस्कृति और साहित्य)

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