Homeबुन्देलखण्ड के साहित्यकारItihaskar Gorelal Tiwari इतिहासकार गोरेलाल तिवारी

Itihaskar Gorelal Tiwari इतिहासकार गोरेलाल तिवारी

कई इतिहासकारों ने बुंदेलखंड का इतिहास लिखा है। सबसे पहले दीवान प्रतिपाल सिंह ग्राम पहरा छतरपुर का बुंदेलखंड का इतिहास का प्रथम भाग सन 1928 में प्रकाशित हुआ फिर सन् 1933 में श्री गोरेलाल तिवारी का बुंदेलखंड का संक्षिप्त इतिहास प्रकाशित हुआ।

Itihaskar Gorelal Tiwari का जन्म पन्ना रियासत के अंतर्गत ग्राम धर्मपुरा में माघवदी द्वितीया संवत् 1927 या सन् 1870 में जुझौतिया परिवार में हुआ था । इनके पिता श्री शंकर लाल तिवारी राजकर्मचारी थे।

श्री गोरेलाल तिवारी सन 1878 में परिवार के साथ यह ग्राम धमतरी ( पहले मध्य प्रदेश अब छत्तीसगढ़ ) में आ गए  और सन् 1879 में विद्यालय में प्रवेश लिया । सन 1887 में मिडिल उत्तीर्ण करने के बाद रायपुर ( पहले मध्य प्रदेश अब छत्तीसगढ़ )  में हाई स्कूल में प्रवेश लिया। किंतु बीमारी के कारण शिक्षा पूरी न हो सकी। लेकिन जन्मजात प्रतिभा तो  किसी न किसी तरह बाहर आती ही है । बाद में उर्दू बांग्ला उड़िया का अध्ययन किया ।

टीकमगढ़ के अंतर्गत  बल्देवगढ़ के समीपस्थ ग्राम ओखरा के  श्री सरजू प्रसाद पटैरिया की पुत्री के साथ श्री गोरेलाल तिवारी का विवाह हुआ इनके चार पुत्रों में सबसे छोटा पुत्र ऋषि कुमार तिवारी ने आयुर्वेद की शिक्षा ग्रहण की। गोरेलाल जी ने पिता को सहयोग देते हुए चूडी निर्माण में उपयोगी लाख का व्यापार किया किंतु व्यापार में हानि हुई ।

तब सन 1896 में काउंसिल के अधीन श्री गोरेलाल तिवारी अध्यापक हुए । सन उन्नीस सौ आठ में राजकीय सेवा मिली जहां सन 1928 में सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन प्राप्त करने लगे सन 1931 में पुनः नगरपालिका के कन्या पाठशाला में अध्यापक हुए ।

सन 1903 से ही आपने लेखन आरंभ कर दिया था इन्होंने जुझौतिया ब्राह्मणों का इतिहास, बुंदेलखंड का संक्षिप्त इतिहास लिखा एवं  छत्रप्रकाश और वीरदेव सिंह चरित का संकलन किया।

इन्होंने 1946 में बिहार की यात्रा भी की । अपनी ऐतिहासिक कृति् में उन्होंने जगनिक कृत पृथ्वीराज चरितम् कृति का उल्लेख किया है। देश स्वतंत्र होने के एक माह 11 दिन पूर्व 4 जुलाई सन् 1947 को 77 वर्ष में इनका निधन हो गया।

बुन्देलखण्ड के साहित्यकार 

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