Homeसाहित्यकारDr. Preeti Singh Parmar डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार

Dr. Preeti Singh Parmar डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार

Dr. Preeti Singh Parmar स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय , ठाकुर जमीपाल सिंह की सुपात्री स्वर्गीय श्री वी वी सिंह गौर की पुत्री श्री सुरेंद्र सिंह परमार की धर्मपत्नी डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार को “कर्मशील रत्न नारीशक्ति” उपाधि से समाज समाज सेवा में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया जो कि वर्तमान में जिला उपभोक्ता आयोग की सदस्य टीकमगढ़ है। 

पति:- श्री सुरेंद्र सिंह परमार
पिता:- स्वर्गीय श्री वि वि  सिंह गौर
माता का नाम:- स्वर्गीय मति मालती
ससुर:- श्री मुकुंद सिंह परमार
शिक्षा :-बी.एस.सी.,  एम ए  (अंग्रेजी एवं  समाजशास्त्र) एल एल .बी., बी.एड,  एम.एड, एजुकेशन में पीएचडी , पर्यटन एवं प्रबंधन में डिप्लोमा
पूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष

विधा
कविता, दोहा , व्यंग्य, कहानी ,लघु कथा, आलेखl
प्रकाशन आकांक्षा पत्रिका में नारी सशक्तिकरण पर विशिष्ट परिशिष्ट , अनुश्रुति, बुंदेलखंड के आधुनिक कवि ,विश्व हिंदी रचनाकार मंच सहित राजस्थान से,  साहित्य कुंज युग प्रवर्तक ,दैनिक भास्कर , नईदुनिया, नवभारत , दबंग मीडिया, सागर समीक्षा हरिभूमि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशनl

सम्मान
राष्ट्रभूषण सम्मान, साहित्य दीपिका सम्मान, शब्द शिरोमणि सम्मान, आईफा अवार्ड 2017, प्रतिभा सम्मान सिंधी समाज द्वारा सम्मान, मध्य प्रदेश अग्रवाल महासभा द्वारा सम्मान, मीरा सूर साहित्य परिषद द्वारा सम्मान, मध्य प्रदेश अग्रवाल महासभा द्वारा नौ देवी सम्मान,  कर्मशील रत्न नारी शक्ति पुरस्कार, राष्ट्रीय एकता काव्य समारोह सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेक सम्मान महिला बाल विकास द्वारा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के रूप में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित, जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं एवं अधिक बालिकाओं के अधिकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य हेतु लगातार 4 वर्षों से सम्मानितl

कार्यकारी अध्यक्ष – मीरा सुर साहित्य परिषद टीकमगढ़
उपाध्यक्ष – अखिल भारतीय साहित्य परिषद टीकमगढ़
सदस्य – मध्य प्रदेश लेखक संघ टीकमगढ़ ।

सामाजिक कार्य – लगभग 26 वर्षों से समाज सेवा में सक्रिय विभिन्न मामलों की जानकारी प्रदान करना, महिलाओं एवं बालिकाओं को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना घरेलू हिंसा की रोकथाम एवं पारिवारिक सुलह करवाना ।

लैंगिक उत्पीड़न के क्षेत्र में 6 सुसाइड अटेम्प्ट में, आत्महत्या से किशोरियों को बचाया न्याय दिलवाया। दहेज उत्पीड़न 498 ए के तहत  178 परिवारों को जुड़वाया जिले की साथ नाबालिक नवजात शिशुओं को , गोद लेने की प्रक्रिया में सहयोग किया ।

महिलाओं- बालिकाओं को कानूनी अधिकारों , मानव देह व्यापार, साइबर क्राइम, पर जागरूक करना, घरेलू पारिवारिक सुलह करवाना,लैंगिक    उत्पीड़न के क्षेत्र में 6 सुसाइड अटेम्प्ट में, आत्महत्या से किशोरियों को बचाया न्याय दिलवाया दहेज उत्पीड़न 498 ए के तहत 178 परिवारों को जुड़वाया नाबालिक नवजात शिशुओं को ,गोद लेने की प्रक्रिया में जागरूकता लाना।

डॉ गायत्री वाजपेयी का जीवन परिचय 

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Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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