भारत आस्था और विश्वास का देश है यहाँ हिन्दु आस्था में वट वृक्ष पवित्र माने जाते हैं पूज्यनीय माने जाते हैं । बुंदेलखंड के जनमानस का मानना है कि इनमें वरमदेव Baramdev अर्थात, ब्रहमदेव का वास समझा जाता है। वट वृक्ष पर लोग प्रतिदिन जल ढारते (जल चढ़ाना)हैं । इनके सम्मान मे जनेऊ, खिचड़ी , चरण पादुकाएं इन्हें अर्पित की जाती हैं।
जनमानस एक और अवधारणा है जिसके आधार पर बुंदेलखंड में वट सावित्री व्रत मनाया जाता है। इसमें महिलाएं यह व्रत सौभाग्य की कामना एवं संतान प्राप्ति की दृष्टि से मनाती हैं । बहुत ही शुभ और फलदाई होता है। वट सावित्री व्रत सौभाग्य, संतान और महिलाओं की अन्य मनोकामनाओं को पूरा करता है।
भारतीय संस्कृति में यह व्रत एक आदर्श नारी की छवि का प्रतीक है। भारतीय महिलाओं के लिए यह व्रत काफी महत्व दिखाता है। ऐसा माना जाता है कि वट सावित्री व्रत स्त्री के अत्यंत दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकता है। वट सावित्री व्रत के साथ, यहां तक कि अपने गरीब भाग्य के साथ एक महिला भी खुशी, दुनिया के आराम और आनंद से भरा एक शांत जीवन प्राप्त कर सकती है।