Arif Shahdoli आरिफ शहडोली

अभिनेता श्री आरिफ शहडोली का जन्म 19 नवम्बर 1974 को झांसी जिले के ग्राम बकूआं बुजुर्ग में हुआ । Arif Shahdoli पिताजी श्री बी एस कादरी “पुष्प”  झांसी  डी आर एम ऑफिस में कार्य करते थे । आप जूनियर इंजीनियर के पद से सेवा निर्मित हुए ।श्री आरिफ का झुकाव बचपन से ही कला की ओर था । आरिफ को नाना का प्यार मिला । आरिफ अपने नाना जनाब हाफिज मुनव्वर अली साहब के यहां बिजुरी मध्य प्रदेश चले आये ।

झांसी में आप अपने दादा की नकल करते थे । बिजुरी आने के बाद आप रामलीला देखते थे। रामलीला देखने के बाद उनके पात्रों का अभिनय किया करते थे । बिजुरी दुर्गा पूजा के अवसर पर सिनेमा आता था जो खुले में दिखाया जाता था । सिनेमा में आप हीरो हीरोइन को देखते और इसके अंदर घुसने का प्रयास करते । श्री आरिफ को हमेशा लगता कि यह कोई जादुई चीज है ।

श्री आरिफ बिजुरी में रंगमंच से जुड़ गए उन्हें लगा कि सिनेमा तक पहुँचने का यही एक मार्ग है । आरिफ ने अपनी शिक्षा पूरी की । आगे की शिक्षा के लिए बिजुरी से झांसी आ गए । आपका मकसद अभिनय के क्षेत्र में कैरियर बनाना था ।

पिताजी की इच्छा पूरी करते हुए एलएलबी में एडमिशन ले लिया । झांसी में रंगमंच के क्षेत्र में भी सक्रियता से कार्य करने लगे । आप साक्षरता विभाग की कार्यशाला में प्रशिक्षण  के लिए लखनऊ गए । आपकी मुलाकात एक छात्र से हुई जो भारतेंदु नाट्य अकादमी में प्रवेश के हेतु फॉर्म लेने जा रहा था । आप भी टी ए डी ए के पैसे से फार्म लेने पहुंच गए । आपने फार्म भरा और आपका चयन भारतेंदु नाट्य अकादमी में हो गया । यहाँ से श्री आरिफ को भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे भेजा गया । 

श्री आरिफ ने सर्वोत्तम छात्र के रूप में भारतेंदु नाट्य अकादमी से परीक्षा उत्तीर्ण की । वहीं पर आप कार्य करने लगे । डी डी भारती के निर्माता चमन बग्गा ने आप को प्रेरित किया कि लखनऊ छोड़कर समंदर में जाएं । आरिफ प्रेरित होकर झांसी आ गए । आरिफ ने एक किताब में पढ़ रखा था कि जितने भी बड़े लोग हुए हैं उनके गुरु चलकर आए है । आरिफ अपने गुरु का इंतजार करने लगे आरिफ को लगता है कि कोई आएगा , मुंबई लेकर जाएगा ।

समय बीतने लगा आरिफ ने  कन्हैया कैसेट कंपनी में बतौर निर्देशक कई एल्बम निर्देशित किए । इसी दौरान लोकेशन देखने के लिए विशाल भारद्वाज अपनी टीम के साथ आएं । आरिफ की से मुलाकात हुई किंतु संकोची आरिफ इनसे काम नहीं मांग पाए,इसी टीम में प्रसिद्ध प्रोडक्शन डिजाइनर समीर चंदा भी आए थे ।

श्री आरिफ का नेहरू युवा केंद्र झाँसी से गहरा लगाव रहा है । गोस्वामी बाबू जी के माध्यम से राष्ट्रीय युवा उत्सव में भाग लेने युवा कलाकार के रूप में पूना गए । यहाँ मिले टी ए डी ए से मुंबई गए । अपने बी एन ए के साथी अभिषेक गुप्ता के निवास पर ठहरे । गौरव प्रतीक, मज़हर के साथ बुंदेलखण्ड के गौरव राजा बुंदेला से मिले । आरिफ इनके साथ जुड़ गए । समीर चंदा दोबारा प्रसिद्ध निर्देशक मणिरत्नम को लेकर आएं । झाँसी एवं ओरछा में रावण की शूटिंग हुई ।

श्री आरिफ इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बने। इसमें छोटी सी भूमिका करने का भी अवसर मिला। उसी भूमिका के लिए आपको कोलकाता भी बुलाया गया। जब राजश्री प्रोडक्शन के अरविंद बब्बल झांसी आए इसमें एक एपिसोड में अभिनय करने का अवसर मिला । इसी दो काम के आधार पर डॉक्टर वसीम ने होशंगाबाद के निर्देशक परेश मसीह से आरिफ के बारे में चर्चा की । आरिफ को मुख्य भूमिका प्रदान की गई ।

 कजरी फिल्म भोपाल फिल्म फेस्टिवल में चली और श्री आरिफ को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला । यहां से मिली राशि लेकर आरिफ मुंबई रवाना हुए । मुंबई में अपना आधार तलाशने लगे बहुत ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण आपको लौटना भी पड़ा । आप मुंबई को समझ चुके थे । आप नई रणनीति के साथ मुंबई जाने की योजना बनाने लगे । 

निर्देशक श्री राम बुँदेला जी के माध्यम से मुंबई का मार्ग प्रशस्त हुआ । मुंबई में बतौर लेखक प्रशिक्षक एक प्रोजेक्ट में काम करने लगे ।

एक दिन आरिफ ने सोचा –

मुझे तो अभिनेता बनना था । मैं क्या बनते जा रहा हूं यदि मैं अभिनेता नहीं बन पा रहा तो मुझे यह लाइन छोड़ देनी चाहिए । आरिफ ने यह निर्णय लेकर पूरी तरह अभिनय में संघर्ष करने लगे । जोगी कास्टिंग के माध्यम से आपको केबीसी प्रोमो में काम मिला । आरिफ को चिड़ियाघर में प्रशांत पचौरी जी के माध्यम से गरिमा प्रोडक्शन के समस्त हास्य धारावाहिक में भूमिका करने का अवसर मिला।

चिड़ियाघर की भेड़ बाजपेई की भूमिका सराहनीय रही । भेड़ बाजपेई के किरदार के साथ आपको फिल्मों के भी ऑफर आने लगे । त्रिपुरारी यादव के माध्यम से आपको रजनीश जायसवाल की फिल्म चकल्लसपुर मिली । इसमें मुरारी पोस्टमैन की भूमिका की बहुत तारीफ हुई ।

इसके बाद विपिन सिंह के माधयम से सागर शर्मा निर्देशित फिल्म तिल्ली में तिल्ली के अध्यापक की भूमिका मिली । चिड़ियाघर के साथी अभय सिंह ने अवधी फिल्म फैंटास्टिक दुल्हनिया में प्रोफ़ेसर की भूमिका दिलाई । संगीत निर्देशक संगीत सरल के माध्यम से आपको माय ड्रीम एवं बिरयानी जैसी लघु फिल्मों में काम करने का मौका मिला । यह फिल्म विभिन्न ओ टी टी प्लेटफार्म उपलब्ध है । आरिफ के अभिनय करने का सिलसिला चलता गया । आपने कई महत्वपूर्ण धारावाहिक महाकुंभ ,जोधा अकबर, श्री बाल कृष्णा , नीली छतरीवाले, लापता गंज , संघर्ष देवकी का , आहूति आदि में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।

अभी वर्तमान में आरिफ द्वारा अभिनीत तीन प्रोजेक्ट चर्चा में आए हैं आरेख द्वारा अभिनीत कजरी विभिन्न प्लेटफार्म में देखी जा सकती हैं । विक्रमजीत गुप्ता निर्देशित लघु फिल्म  अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपना जलवा दिखा रही है । पेरिस , काँस , बर्लिनऔर लंदन मैं हुए फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को काफी सराहा गया है ।

मुख्य खलनायक के रूप में हिंदी फिल्म गुठली लड्डू अयोध्या इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ले चुकी है ।   इस फिल्म को कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वोत्तम निर्देशक का पुरस्कार मिला है ।

डॉ गायत्री बाजपेयी का जीवन परिचय 

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