Homeबुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलTourist Places of Orchha  ओरछा के पर्यटन स्थल

Tourist Places of Orchha  ओरछा के पर्यटन स्थल

ओरछा (Orchha) भारत के मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है।  उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बार्डर पर बसा Tourist Places of Orchha । बुन्देलखण्ड में  इसकी स्थापना रुद्र प्रताप सिंह बुंदेला द्वारा इसी नाम के राज्य की राजधानी के रूप में सन् 1501 के बाद किसी समय हुई थी। ओरछा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह टीकमगढ़ से 80 किमी और उत्तर प्रदेश राज्य में झांसी से 15 किमी दूर है।

ओरछा (Orchha) का इतिहास 15वीं शताब्दी से शुरू होता है,  इस जगह की पहली और सबसे रोचक कहानी एक मंदिर की है। दरअसल, यह मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था, लेकिन मूर्ति स्थापना के वक्त यह अपने स्थान से हिली नहीं। इस मूर्ति को मधुकर शाह बुन्देला के राज्यकाल (1554-92) के दौरान उनकी रानी गनेश कुँवारि  राजे अयोध्या से लाई थीं।

रानी गनेश कुंवर  वर्तमान ग्वालियर जिले के करहिया गांव की परमार राजपूत परिवार से थीं। चतुर्भुज मंदिर बनने से पहले रानी पुख्य नक्षत्र में अयोध्या से पैदल चल कर बाल स्वरूप भगवान राम(राम लला)को ओरछा लाईं परंतु रात्रि हो जाने के कारण भगवान राम को कुछ समय के लिए महल के भोजन कक्ष में स्थापित किया गया। लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया। इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर।

आज इस महल के चारों ओर शहर बसा है और राम नवमी पर यहां हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। वैसे, भगवान राम को यहां भगवान मानने के साथ यहां का राजा भी माना जाता है, क्योंकि उस मूर्ति का चेहरा मंदिर की ओर न होकर महल की ओर है। आज भी भगवान राम को राजा के रूप में राम राजा सरकार ओरछा के इस मंदिर में पूजा जाता है और उन्हें गार्डों की सलामी देते हैं। मंदिर में चमड़े से बनी वस्तुओं का प्रवेश निषिद्ध हैं।

Religious, Natural and Historical Tourist Places in Orchha (Madhya Pradesh) Bundelkhand
ओरछा (मध्य प्रदेश) बुन्देलखण्ड के धार्मिक,प्राकृतिक, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल
1- नगरकोट Nagar Kot
2- मछली दरवाजा Machhli Darwaja (Fish Door)
3- भगवान श्री रामराजा का मन्दिर Temple of Lord Shri Ramraja
4- यज्ञशाला Yagyashala
5- गिरवरधारी हनुमान का मन्दिर Temple of Girvardhari Hanuman
6- चतुर्भुज का मन्दिर Temple of the Chaturbhuj
7- लक्ष्मी नारायण का मन्दिर Temple of Lakshmi Narayan
8- कवि केशवदास का प्रवास स्थल Place of stay of poet Keshavdas
9- छारद्वारी मन्दिर Chh ardwari Temple
10- बजरिया के हनुमान Hanuman of Bajaria
11- लोक देवता हरदौल का प्रवास स्थल  The place of stay of the folk deity Hardaul
12- फूल बाग Fool Bagh
13- सावन- भादों का स्तम्भ Pillar of Sawan Bhadon
14- जानकी मनमन्दिर Janki Manmandir
15- अड़वारा का नाला Adwara’s drain
16- जहाँगीर महल Jahangeer Mahal
17- राजमहल Rajmahal
18- शीश महल sheesh Mahal
19- प्रवीण राय महल Praveen Rai Mahal
20- हमाम खाना Hamam Khana
21- ऊंठ खाना    Unt Khana
22- विन्ध्यवासनी का मन्दिर Temple of Vindhyavasani
23- बेतवा का रिपटा (पुल)   Ripata (bridge) of Betwa
24- लंका चित्रकूट वन Lanka Chitrakoot Forest
25- पंचमडिया  Panchmadiya
26- कंचनाघाट  Kanchanaghat
27- समाधि एवं छतरियाँ  Tombs and umbrellas
28- बापू की भस्म भूमि विसर्जन तट Bapu’s Bhasma Bhoomi Immersion Coast
29- सातार तट । (चंद्र शेखर आजाद का अज्ञात वास स्थल) Satar Ghat (Unknown abode of Chandra Shekhar Azad)
30- तुंगऋषि की तपोभूमि Tapobhumi of Tungrishi
31- पिसनारी का पुल Bridge of Pisnari
32- लंका के हनुमान मन्दिर  Hanuman Mandir of Lanka
33- महादेव घाट  Mahadev Ghat
34- जुगल किशोर का मन्दिर  Temple of Jugal Kishore
35- कवि व्यास का प्रवास स्थल   The place of stay of poet Vyas
36- हर सिद्ध देवी का मन्दिर   Temple of Har Siddha Devi
37- हर शंकर महादेव का मन्दिर Temple of Har Shankar Mahadev

ओरछा अभ्यारण के दर्शनीय स्थल
Sightseeing places of Orchha Sanctuary
1- हनुमान गढ़ी मंदिर Hanuman Garhi Temple

2- मछली शिकारगाह Fish hunting ground
3- व्यू प्वाइंट View Point
4- जन्तु टावर Animal Tower
5- नीमट घाट Nemat Ghat
6- पिकनिक चौपाटी Picnic Chowpatty
7- लंका की दीवार Wall of Lanka
8- हाथी रॉक Elephant Rock
9- जामुनी नदी व बेतवा का संगम Confluence of Jamuni River and Betwa
10- तुंगारण्य के दर्शनीय स्थल Sightseeing places of Tungaranya.

बरुआसागर- ऐतिहासिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र

admin
adminhttps://bundeliijhalak.com
Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

error: Content is protected !!